Monday, October 18, 2021

ASHQ BAHTE HAIN TO ...

Ashq bahte hain to bah Jaane de zara
Aankhein namm hona bhi jaroori hain

Khud ko aise na takleef de itni
Gham ko tu apne mujhe de zara

Aa ja simat ja bahon me meri
Tere liye hi main aaya yaha

Tujhko mera chahe na ho pata
Par mujhme to har dum tu hi raha

Tere bin ye zindagi meri adhoori hain
Ashq bahte hain to....

Has de zara tu, aa khilkhila
Mere paas tu aa ya mujhe paas bula

Kahne ko yaha hain sab hi apne
Main tera apna hu, aa aazmaa..

Tu meri zameen hain meri hi h tu
Gale se laga le, hu main aasaman

Aa jaa naa saiyyan kya mazboori hain
Ashq bahte hain to.....

Saturday, October 27, 2018

Aasan Si Baatein

आसान सी बातें कहने को भी लफ्ज़ भारी चाहिए
लोहे को लोहे नहीं काटता साहब,  धारदार आरी चाहिए।

ये जो  भी  कहते फिरते हैं कि ग़मो के अँधेरे हैं  बहुत
उनसे ये पूछता हूँ कि और कितनी दिवाली चाहिए।।

उसने कहा मेरे मज़हब में नहीं हैं किसी और का बुरा करना
अरे मज़हब किसी और का भी कुछ जुदा नहीं होता।

जो  तुमको  सिखाए  मेरे अज़ीज़ अश्क़ बाँटना
वो खुदा कसम कभी कोई खुदा नहीं होता।।

अरे महसूस करने को तो बस एक ख़्याल काफी हैं
वो खुद ही उठा देता हैं  बस एक सव्वाली चाहिए।

लाज़िम हैं चाँदनी ये हर रोज नहीं लगता
उससे पहले अमावस की एक रात काली चाहिए।।

मेरी बातें पढ़ के लोग मुझसे नफरत करने लगे हैं
मुझे खुद से ज़रा सी अब तो थोड़ी वाहवाही चाहिए।

दिल को जला जला के राख कर दिया
इस राख को मंदिर की धूल बनाने वाली चाहिए।।








Friday, September 16, 2016

मैं जा भले रहा हूँ तेरा शहर छोड़ कर

मैं जा भले रहा हूँ तेरा शहर छोड़ कर
पर यकीन कर तुझे अपने साथ हैं ले जाना

जब भी दिल करे मिलने का मुझसे
आंखे बंद न करना बस मेरा नाम लबों पे आना

मैं भी तुझे अपने साथ हर पल रखूँगा
मेरी मुस्कान याद करके तू भी मुस्कुराना

प्यार कभी कम न होगा तेरा ये जानता हूँ
तू दूरियों में भी विश्वास ये मुझपे जताना

न लड़ना न झगड़ना ना मुझसे ज़रा भी रूठना
बस शिकायत हो गर कभी तो मुझसे खुल कर बताना

मैं तोडूंगा नहीं कोई वादा ओ दिलबर
ना किसी कसम को मैंने हैं भूल जाना

तू भी आ जाना उस शहर कुछ वक़्त के बाद
मेरे पास न सही, मेरे साथ ज़िन्दगी ज़िन्दगी बिताना

सब कुछ छोड़ न सको तो कोई बात नहीं
मुझे न छोड़ देना बस प्यार मुझसे निभाना

कि हमदम  तुझसे जुदा मैं हो नहीं सकता
ये बात बस अपने ज़ेहन में ऐसे बिठाना

कि जब भी कोई संदेह हो मुझपे
थोड़ा प्यार बढ़ के मुझे और अपना बनाना।।।।