इस दिल की ना जाने है कितनी अधूरी हसरते
कुछ पूरी हुई कुछ भूल गए और कुछ में अभी है हम चलते
यादो की लम्बी सूची में
इक याद है तेरी सबसे जुदा
इस याद में तेरा होना
और तेरे होने में खुदा
जो जिया जिया वो तेरे संग
बाकी तो बस गुज़र गयी
तुझसे मिलने की चाहत में
ना जाने कब आँखें बरस गयी
हर पल लम्हा अब मुश्किल है
क्षण क्षण अब भारी हुआ
दिल की हर बेचैनी को
तेरे चैन की है बस एक दुआ
क्यूँ धुआं धुआं सा लगता है
अब शाम का ये हल्कापन
तुझे सोच सोच कर होता है
इतना विचलित क्यूँ मेरा मन
इस मधुर दर्द की आहट भी
अब तो प्यारी लगती है
तेरे लिए तो है ये दुनिया सारी
बस तू ही हमारी लगती है
अब कहें भी क्या और कहना भी क्या
जीने को तो ज़िन्दगी बाकी है
अब कौन जाम पिलाएगा
जब खुद ही नशे में साकी है
कब ख़तम हो जाए पैमाने
जो हाथ में है वो ना छलका
रिश्ता है बाँधा जन्मो का
ये साथ नहीं है कुछ पल का
तेरे हुस्न की तारीफ़
तेरी हर इक मुस्कान की बंदिश
मैं ना भी करून तो ऐ हसीं कलम तो वहीँ चलती है
तेरे बारे में लिखते लिखते हर और मधुरता करती है
हर और मधुरता करती है.......................................!!!!!!!!!
कुछ पूरी हुई कुछ भूल गए और कुछ में अभी है हम चलते
यादो की लम्बी सूची में
इक याद है तेरी सबसे जुदा
इस याद में तेरा होना
और तेरे होने में खुदा
जो जिया जिया वो तेरे संग
बाकी तो बस गुज़र गयी
तुझसे मिलने की चाहत में
ना जाने कब आँखें बरस गयी
हर पल लम्हा अब मुश्किल है
क्षण क्षण अब भारी हुआ
दिल की हर बेचैनी को
तेरे चैन की है बस एक दुआ
क्यूँ धुआं धुआं सा लगता है
अब शाम का ये हल्कापन
तुझे सोच सोच कर होता है
इतना विचलित क्यूँ मेरा मन
इस मधुर दर्द की आहट भी
अब तो प्यारी लगती है
तेरे लिए तो है ये दुनिया सारी
बस तू ही हमारी लगती है
अब कहें भी क्या और कहना भी क्या
जीने को तो ज़िन्दगी बाकी है
अब कौन जाम पिलाएगा
जब खुद ही नशे में साकी है
कब ख़तम हो जाए पैमाने
जो हाथ में है वो ना छलका
रिश्ता है बाँधा जन्मो का
ये साथ नहीं है कुछ पल का
तेरे हुस्न की तारीफ़
तेरी हर इक मुस्कान की बंदिश
मैं ना भी करून तो ऐ हसीं कलम तो वहीँ चलती है
तेरे बारे में लिखते लिखते हर और मधुरता करती है
हर और मधुरता करती है.......................................!!!!!!!!!