Tuesday, November 29, 2011

adhoori hasrate

इस दिल की ना जाने है कितनी अधूरी हसरते
कुछ पूरी हुई कुछ भूल गए और कुछ में अभी है हम चलते

यादो की लम्बी सूची में
इक  याद है तेरी सबसे जुदा
इस याद में तेरा होना
और तेरे होने में खुदा

जो जिया जिया वो तेरे संग
बाकी तो बस गुज़र गयी
तुझसे मिलने की चाहत में
ना जाने कब आँखें बरस गयी

हर पल लम्हा अब मुश्किल है
क्षण क्षण  अब भारी हुआ
दिल की हर बेचैनी को
तेरे चैन की है बस एक दुआ

क्यूँ धुआं धुआं सा लगता है
अब शाम का ये हल्कापन
तुझे सोच सोच कर होता है
इतना विचलित क्यूँ मेरा मन

इस मधुर दर्द की आहट भी
अब तो प्यारी लगती है
तेरे लिए तो  है ये दुनिया सारी
बस तू ही हमारी लगती है

अब कहें भी क्या और कहना भी क्या
जीने को तो ज़िन्दगी बाकी है
अब कौन जाम पिलाएगा
जब खुद ही नशे में साकी है

कब ख़तम हो जाए पैमाने
जो हाथ में है वो ना छलका
रिश्ता है बाँधा जन्मो का
ये साथ नहीं है कुछ पल का


तेरे हुस्न की तारीफ़
तेरी हर इक मुस्कान की बंदिश
मैं ना भी करून तो ऐ हसीं कलम तो वहीँ चलती है
तेरे बारे में लिखते लिखते हर और मधुरता करती है
हर और मधुरता करती है.......................................!!!!!!!!!




I LOVE YOU

i know you thought i fogot today something
but still dis i wish to say u dat
nothing is missing and nothing will be missed
u in my heart is already fixed

i am and will be with u now n forever
and my promise will be kept forever
i need to remind at last of this evening
dat " I Love U " by heart for now and till ending...........