Sunday, April 22, 2012

Reet

इतनी ग़ज़ल  इतने गीत
तुझसे  प्यार  मेरी  जीत
तेरा  साथ  तेरी  प्रीत
काश!  इतनी  ही होती  दुनिया की रीत...!!!


 

तू ही नाम तू ही मान

तुझसे रोशन सुबह-ओ-शाम

तू ही चाँद तू ही दीप

तू ही मोती तू ही सीप...!!!


its still incomplete....... need suggestions........


 

Lakeer

Main karta hu intezar tere har ek sandesh ka
Main jeeta hu teri yad lekar

Tu milegi mujhe hai ye yakin mujhko
Main jee raha hu bas yahi aas lekar......

ek din tu meri ho hi jayegi
fir kahunga main sabse tujhe baho me lekar.....

meri takdir bhi na badli aur tera sath bhi mil gaya hatho ki wahi lakeer lekar....

Preet

जान तुमपे आज एक गीत लिख रहा हूँ
दिल में तेरे जानम मेरी प्रीत लिख रहा हूँ

जिस दिन से मिले हो खुदा की कसम
दुनिया से जुदा नयी रीत लिख रहा हूँ

दिल मेरा गुमराह हो न जाये कही कभी
इसलिए मंजिले तेरी ही सुबह शाम लिख रहा हूँ

गर जो हो यकीन मेरी मोहब्बत पे
तो दिल से पढना मैं जो भी लिख रहा हूँ

चाहत है बस तुम्हारे लिए दिल में
तुमको ही अपना जीवन मीत लिख रहा हूँ


जान तुमपे आज एक गीत लिख रहा हूँ.....

Saturday, April 21, 2012

Saath

खामोश राहो में तेरा साथ चाहिए
तनहा है मेरा हाथ तेरा हाथ चाहिए

मुझको मेरे मुक़द्दर पर इतना यकीन तो है
तुझको भी मेरे लफ्ज़ मेरी बात चाहिए

मैं खुद अपनी शायरी को क्या अच्छा कहु
मुझको तेरी तारीफ तेरी दाद चाहिए

मोहब्बत का एहसास सिर्फ तेरे लिए है लेकिन
इश्क के जूनून को तेरी सौगात  चाहिए


तू मुझको पाने की ख्वाहिश रखता है लेकिन
मुझको तो जीने के लिए बस एक मुलाक़ात चाहिए..........!!!!!!


Hunar

ऐसा नहीं की तुझे पाने की आरज़ू नहीं रखता
पर ज़माने की दहलीजो से परे मैं कदम नहीं रखता

हाँ तुझे पाना तो कभी मेरा मकसद था ही नहीं
पर तू किसी और की हो जाये ये ख्वाहिश नहीं रखता

तेरे साथ मुझे तो बस कुछ यादिएँ बनानी थी
इससे बढ़कर अब कोई हसरत नहीं रखता


"श्रेयस" की आदत है दिल में दाखिल होना
पर दिल से चले जाने का हुनर नहीं रखता............!!!!!!!

Wednesday, April 11, 2012

Shwet Patra

 श्वेत पत्र पर लिख दिया इजहार हमने इश्क का 
वो दिल से पढ़े जो एक बार तो न न कह सकेंगे

और मिल जाये अगर वो हमको कही किसी मोड़ पर
तो कहता हूँ सच कशिश वो होगी की फिर मेरे बिन न रह सकेंगे


सोचेंगे मुझे ही हर शाम हर सुबह
पर हया की बदोलत किसी से न कह सकेंगे

की वादे करने को दिल करेगा उनका मुझसे
पर मेरी सदाए जो मिलेगी वो वादे कर न सकेंगे..


चाहते रहेंगे हर लम्हा हर घडी मुझे
पर बात यही होगी की कभी न  मिल सकेंगे

Milan

unse milne ki ye dil kitni duaaye karta hai

milta hi nahi bewafaa kaisi wafaye karta hai


 

main kar raha hu pyar ka izhar har shaam

haan bhi nahi kahta mujhko, na wo manahi karta hai


 

dil, prem aur milan innn sabme hai teri kami

tujhse pyar karne ki har roz razaye karta hai


 

jo mil sako abhi to aa jao dil k dar pe

zudai wale lamho me "ShreyAs" marne ki duaye karta hai


 

jaanashiin teri har baat qubul hogi mujhko

ab to aaja ki ye dil tujhko kab se pukara karta hai


 

ab bhi kya kahna baki h tere mere milne pe

jab tere mere naam ko ye jahan sath bulaya karta hai!!!!!!!!