Monday, January 4, 2016

Main Chahta Kuch Nahi

मैं चाहता कुछ  नहीं
हाँ सच कुछ भी नहीं

तेरा साथ नहीं पल पल का
हर पल तुझसे बात भी नहीं

ना चाहता हूँ दिन गुज़रे तुझ संग
कोई हसीन रात भी नहीं

मैं तुझसे कुछ मांगू भी कैसे
मांग सकने की भी तो औकात नहीं

बस याद कर मुझको थोड़ा
बस प्यार कर थोड़ा ही सही

सोच कभी मेरे बारे में
कोई ख्वाब देख मेरा कभी

खुद को खुश रख कुछ पल तू
ओ हमदम कर एहसान यहीं

दूर रह भले मुझसे
पास आने को तड़प तो सही

मिलने को ना आ भले कभी
मिलने को कहा कर,  हैं बहुत यहीं

विश्वास रख मुझपे इतना
कि टूट न पाये हो जाये कुछ भी

मुस्कुरा खिलखिला गुनगुना ऐसे
जैसे तुझ पे कोई ग़म ही नहीं

मेरे नाम से संभल जाये दिल
मेरे नाम पे रख इतना यकीन

मैं चाहता कुछ नहीं
हा सच कुछ भी नहीं। .... !!!!!!!