Tuesday, December 20, 2011

Geet

Main geet bechta hu kharidaar hoto btana
har aur bechta hu kisi aur ho btana

mere geet nahi they bikau na mujhko bechne they kbhi
par fir bhi bechta hu mere yar tu btana


bik gaya har nazariya ab baaki kuch na raha
ehsas bechta hu, koi talabgar ho batana

unke liye ho rahe h hum fanaa abhi
nazar kbhi aaye mere sarkar to btana

kafi dino se khanabadosh h kahi"shreyAs"
mil jaaye koi mukammal daro deewar to btana. . .

Main geet bechta hu.............

Wednesday, December 14, 2011

Yaadein

लम्हों में मेरे कभी तू भी हुआ करता था
दिन थे कभी जब मैं भी जिया करता था

वो तेरे घर के बहार किसी मुलाक़ात की मुस्कान
जिसको सोच सोचकर मैं भी मुस्कुरा दिया करता था

और वो नुक्कड़ वाली दूध की दुकान
जहाँ कई दफे शाम को तेरा इंतज़ार किया करता था

वो रोज़ सबेरे तेरे लिए फूलों की दुकान से
एक खूबसूरत गुलाब लिया करता था

वो दिन दिन भर तेरे बारे में सोचना और फिर
अपने सारे काम इसी तरह खराब किया करता था

रात को सोने की सिर्फ कोशिश ही हो पाती थी
खुली आँखों से फिर भी तेरे दीदार किया करता था

मुश्किल था तेरा मेरा मिलना इस समाज की दहलीजों में
इस बात को जेहन में हर वक़्त लिए फिरता था

पर ये बात सच है कि तुझे पाने कि कोशिश हर लम्हा
हाँ हर एक पल यही कोशिश किया करता था

तुझसे मिलने को रहता था बेताब फिर भी न जाने क्यों
तेरे मिलने पर कहाँ पलके उठाके तेरा दीदार किया करता था

तेरे सिवा किसी और को ना देखने की कसम
उस उम्र में ली थी मैंने जिस उम्र को मैं खुद आशिकी का हक दिया करता था

कैसे याद है ये सब बातें तुझे "मान "
तब तो हर बात मैं भुला दिया करता था

Tuesday, November 29, 2011

adhoori hasrate

इस दिल की ना जाने है कितनी अधूरी हसरते
कुछ पूरी हुई कुछ भूल गए और कुछ में अभी है हम चलते

यादो की लम्बी सूची में
इक  याद है तेरी सबसे जुदा
इस याद में तेरा होना
और तेरे होने में खुदा

जो जिया जिया वो तेरे संग
बाकी तो बस गुज़र गयी
तुझसे मिलने की चाहत में
ना जाने कब आँखें बरस गयी

हर पल लम्हा अब मुश्किल है
क्षण क्षण  अब भारी हुआ
दिल की हर बेचैनी को
तेरे चैन की है बस एक दुआ

क्यूँ धुआं धुआं सा लगता है
अब शाम का ये हल्कापन
तुझे सोच सोच कर होता है
इतना विचलित क्यूँ मेरा मन

इस मधुर दर्द की आहट भी
अब तो प्यारी लगती है
तेरे लिए तो  है ये दुनिया सारी
बस तू ही हमारी लगती है

अब कहें भी क्या और कहना भी क्या
जीने को तो ज़िन्दगी बाकी है
अब कौन जाम पिलाएगा
जब खुद ही नशे में साकी है

कब ख़तम हो जाए पैमाने
जो हाथ में है वो ना छलका
रिश्ता है बाँधा जन्मो का
ये साथ नहीं है कुछ पल का


तेरे हुस्न की तारीफ़
तेरी हर इक मुस्कान की बंदिश
मैं ना भी करून तो ऐ हसीं कलम तो वहीँ चलती है
तेरे बारे में लिखते लिखते हर और मधुरता करती है
हर और मधुरता करती है.......................................!!!!!!!!!




I LOVE YOU

i know you thought i fogot today something
but still dis i wish to say u dat
nothing is missing and nothing will be missed
u in my heart is already fixed

i am and will be with u now n forever
and my promise will be kept forever
i need to remind at last of this evening
dat " I Love U " by heart for now and till ending...........

Friday, May 27, 2011

Naashaz

गुज़र आये है वो चमन से बहार की तरह
आँखों में बस गए है इंतज़ार की तरह
कैसे भुला दे उन्हें हम अपनी यादों से
उन्होंने इनकार भी किया तो "इज़हार" की तरह

हम भी वफ़ा एक पत्थर से पाना चाहते है
शायद खुद को आजमाना चाहते है
यादों के बक्से आज भी खुले पड़े है और
ये यादें हो गयी है इस्तहार की तरह

उनको नहीं चाहत  पर हमें  तो उनकी आरज़ू है
दिल को हर लम्हा क्यों कोई जुस्तजू है
उनको तो याद करने से दिन गुज़रता है हमारा
पर हम तो ओझल हुए पुराने विचार की तरह

कि ज़िन्दगी भी अब तो बस यूँ गुजरती है
कि जख्म नहीं है कोई पर पर दिल के किसी कोने में एक आह निकलती है
बेसुरी सी बिन साज़ की होती है हर ग़ज़ल अब तो
कि लब भी जिनके हिलते थे सितार की तरह

"श्रेयस" अब तो ऐसा लगता है कि ज़िन्दगी में तुम भी हार गए
कभी तो लगता था तुम हो शातिर किसी भ्रष्ट सरकार की तरह